Priyanka and Deepika Social Media Fake Followers Scam
तकनीक के इस दुनिया में आज सभी को ऑनलाइन फॉलोअर्स जुटाने की एक भूख सी हो गई है। यहां तक कि जिसके लाखों फॉलोअर्स हैं, ऐसे लोग भी फर्जी फॉलोअर्स (Fake social media followers) जुटाने की होड़ में पड़ गए हैं। ऐसे में कई बड़ी सेलिब्रिटीज का नाम भी सामने आया है। अब यह फेक फॉलोअर्स स्कैम का मामला क्या है? इसमें कितनी सच्चाई है? आइए इसे विस्तार पूर्वक जानते हैं।
क्या है Fake Followers Scam का मामला?
हाल ही में क्राइम ब्रांच के एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने (Paid and Fake Followers Scam) सोशल मीडिया पर फर्जी फॉलोअर्स बनाने के घोटाले में लगभग 54 फर्मों के बारे में पता चला है। जिन पर निगरानी रखते हुए क्राइम ब्रांच के इस इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया। इस में फर्जी तरीके से सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने के कारण कई सेलिब्रिटीज का नाम भी सामने आया है। जिनमें दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा जोंस, और कई फैशन ब्लॉगर्स जैसे 20 लोगों का नाम सामने आया है। जिनमें से पुलिस ने 18 लोगों से पूछताछ की है।
Social Media Fake Followers Scam
फेक फॉलोअर्स की सच्चाई क्या है?
आज के समय में फेक फॉलोअर्स बनाना एक साइबर क्राइम के तहत माना जाता है। फेक फॉलोअर्स बनाने के लिए स्पेशल Bots को काम में लिया जाता है। यह Bots दो तरीके के हो सकते हैं, पहला प्रोग्रामिंग Bots और दूसरे हार्डवेयर Bots। इन Bots का काम सोशल मीडिया पर टारगेटेड अकाउंट पर फॉलो करना, टारगेटेड पोस्ट पर रिएक्ट करना और टारगेटेड पोस्ट पर कमेंट करना होता है। ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति अपने प्रोफाइल पर ज्यादा फॉलोअर्स पाना चाहता हो तो वह इन Bots का प्रयोग करके रातों-रात लाखों फॉलोअर्स जुटा सकता है। परंतु यह सभी फॉलोअर्स पूरी तरीके से फेक होते हैं। इनका असल दुनिया में कोई भी अस्तित्व नहीं होता है।
यह पूरा सिस्टम कार्य कैसे करता है?
क्राइम ब्रांच के अनुसार यह पूरा सिस्टम “कॉस्ट पर पोस्ट” पर कार्य करता है। अर्थात प्रत्येक पोस्ट का रेट तय होता है। जिनमें प्रत्येक पोस्ट पर फेक आईडीओं से लाइक दिए जाते हैं और इनका व्यापार काफी बड़ा है। इनमें केवल एक व्यक्ति नहीं होते हैं। इनके प्रतीक टीम में लगभग लगभग 50 से अधिक मेंबर्स होते हैं।
फेक फॉलोअर्स बनाने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
आज सोशल मीडिया पर जिसके जितने ज्यादा फॉलोअर्स है उसकी उतनी ज्यादा कद्र होती है। कहने का तात्पर्य यह है कि जिस सेलिब्रिटी के सबसे ज्यादा फॉलोअर्स होते हैं उसे सबसे बड़ा सेलिब्रिटी माना जाता है। अब ऐसे में फॉलोअर्स पाने के 2 तरीके होते हैं, पहला या तो आप जबरदस्त तरीके से ढेर सारा पैसा बहा कर एडवर्टाइजमेंट कराएं या फिर थोड़े से पैसे देख कर ढेर सारे फर्जी फॉलोअर्स खरीद ले।
अब आप सोच रहे होंगे कि यदि फॉलोअर्स फर्जी होते हैं तब इन्हें खरीदने का क्या फायदा?
तो इसका फायदा यह होता है कि जब भी कोई व्यक्ति किसी प्रोफाइल पर लाखों फॉलोअर्स को देखता है तो वह स्वतः ही उस प्रोफाइल को फॉलो कर लेता है। ऐसे में एक उदाहरण के तौर पर आप अपने ही अकाउंट को देख लीजिए। यदि उस पर बहुत कम फॉलोअर है तो नए फॉलोअर्स मिलना आपके लिए काफी मुश्किल हो जाता है। परंतु जिस के अकाउंट पर हजारों फॉलोअर्स है उसे प्रतिदिन 100-200 से भी अधिक फॉलोअर्स आराम से मिल जाते हैं।
यह Fake Followers Scam का मामला अभी कहां तक पहुंचा है?
इस मामले की जांच कर रहे कमिश्नर विजय कुमार चौबे ने अभी तक 54 फर्मों का पता लगाया है। जिनमें एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। इस आरोपी का नाम काशिफ मनसूर है। यह आरोपी पेशे से एक सिविल इंजीनियर है और इस पर आरोप है कि यह पैसे लेकर फेक लाइक्स, व्यूज और फॉलोअर्स प्रोवाइड कर आता है।
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